Tuesday, January 6, 2009

"ज़िंदगी एक उत्सव"

- लेफ्टिनेंट कर्नल गोपाल वर्मा

ज़िंदगी एक उत्सव है,
चलो ज़िंदगी का जशन मनाया जाए |

सुबह किसी रोती आँख का आँसू पोंछ,
शाम किसी भूखे को भरपेट खिलाया जाए|

किसी मस्जिद में कोई भजन गाकर,
किसी मंदिर से अज़ान लगाया जाए|
कँही किसी गुरु के द्वारे पे गीता पढ़कर,
वज़ु कर गिरजे में जाया जाए|

कुछ हँसी तेरी कुछ खुशी मेरी मिला,
एक और नया गीत गाया जाए,
हर ज़िंदगी को ज़िंदगी की दुआ देकर,
एक स्वर्ग यहीँ बनाया जाए|

ज़िंदगी एक उत्सव है,
चलो ज़िंदगी का जशन मनाया जाए |


06 Jan 2008

2 comments:

  1. Dear Gopal,
    mind blowing,
    Amman Miyaan ab tak kahaan chupey they.
    You may like to read me at www.sachmein.blogspot.com.

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  2. hmmm,yeah,agree with the sentiments totally...

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