- लेफ्टिनेंट कर्नल गोपाल वर्मा
ज़िंदगी एक उत्सव है,
चलो ज़िंदगी का जशन मनाया जाए |
सुबह किसी रोती आँख का आँसू पोंछ,
शाम किसी भूखे को भरपेट खिलाया जाए|
किसी मस्जिद में कोई भजन गाकर,
किसी मंदिर से अज़ान लगाया जाए|
कँही किसी गुरु के द्वारे पे गीता पढ़कर,
वज़ु कर गिरजे में जाया जाए|
कुछ हँसी तेरी कुछ खुशी मेरी मिला,
एक और नया गीत गाया जाए,
हर ज़िंदगी को ज़िंदगी की दुआ देकर,
एक स्वर्ग यहीँ बनाया जाए|
ज़िंदगी एक उत्सव है,
चलो ज़िंदगी का जशन मनाया जाए |
06 Jan 2008
Tuesday, January 6, 2009
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Dear Gopal,
ReplyDeletemind blowing,
Amman Miyaan ab tak kahaan chupey they.
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hmmm,yeah,agree with the sentiments totally...
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